Meaning of Nominee in Hindi: क्या आप भी नॉमिनी के बारे में जानना चाहते है की नॉमिनी क्या होता है और नॉमिनी का क्या काम होता है? या फिर नॉमिनी को अपने खाते में जोड़ने से क्या फायदे होते है? ऐसे ही सवालों के जवाब पाने के लिए इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक पूरा पढ़े। इसमें आपको नॉमिनी के बारे में सारी जानकारी मिलेगी।
ऑनलाइन या ऑफलाइन बैंक खाता खोलते समय आपने नॉमिनी का ऑप्शन जरूर देखा होगा। बैंक आपसे खाता खुलवाते समय आपको नॉमिनी का एक विकल्प देता है की आप अपने खाते में नॉमिनी को जोड़ना चाहते है या नहीं।
अक्सर कई लोगो के मन में यह सवाल आता है की यह नॉमिनी कौन होता है? या फिर नॉमिनी का काम क्या होता है और इस नॉमिनी को अपने खाते में जोड़ने से हमे क्या फायदा होगा? ऐसे ही सवालों के जवाब आपको आज इस आर्टिकल में मिलने वाले है।
Meaning of Nominee in Hindi
नॉमिनी का मतलब हिंदी में नामांकित होता है। एक व्यक्ति जिसे एक महत्वपूर्ण काम, पुरस्कार आदि के लिए सुझाया गया है तो उसे नामांकित (Nominee) कहते है।
नॉमिनी क्या होता है?
जब कोई व्यक्ति किसी बैंक में अपना खाता खुलवाता है तो वह उस खाते का अकाउंट होल्डर यानी खाता धारक होता है। मूल रूप से, वह खाते का मालिक होता है जिसका उस खाते पर और उसमें जमा पैसे पर पूरा अधिकार होता है लेकिन अगर इस अकाउंट होल्डर की अचानक किसी कारणवश मौत हो जाती है तो फिर उसके खाते में जमा पैसे बैंक द्वारा नॉमिनी को दिए जाते है।
आसान शब्दों में नॉमिनी वह व्यक्ति होता है जो अकाउंट होल्डर के मरने के बाद बैंक में जमा पैसे को ले सकता है। इस नॉमिनी को अकाउंट होल्डर अपना खाता खुलवाते समय चुनता है।
Note: ध्यान रहे नॉमिनी का खाते पर अधिकार नहीं होता है नॉमिनी अकाउंट होल्डर के मरने के बाद उसके खाते को इस्तेमाल नहीं कर सकता है लेकिन उस खाते में जमा पैसे नॉमिनी ले सकता है।
नॉमिनी पैसे का वारिस नहीं होता है लेकिन वह बस बैंक से पैसे निकाल सकता है। अगर अकाउंट होल्डर अपने किसी दोस्त को नॉमिनी बना देता है और उस अकाउंट होल्डर की मौत हो जाती है तो बैंक उस दोस्त को ही पैसे देगा। जिसे अकाउंट होल्डर ने नॉमिनी बनाया है लेकिन वह व्यक्ति पैसे को खर्च नहीं कर सकता है।
अगर उस अकाउंट होल्डर के परिवार ने इस व्यक्ति (अकाउंट होल्डर का दोस्त) पर कोट में केस कर दिया तो ऐसे में उस व्यक्ति को अकाउंट होल्डर के परिवार को पैसे सौपने होंगे।
परिस्थिति 1
अगर किसी अकाउंट होल्डर के 4 बेटे है और वह उनमे से अपने बड़े बेटे को अपना नॉमिनी बना देता है और उसके कुछ समय बाद अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाती है तो ऐसे में बैंक उस अकाउंट होल्डर के खाते का सारा पैसा उस नॉमिनी यानी बड़े बेटे को देगा।
बड़ा बेटा बैंक से पैसे ले तो सकता है लेकिन सारे पैसे को खर्च नहीं कर सकता है क्योंकि उन पैसो पर सभी चारो बेटो का समान अधिकार होगा। अगर बड़ा बेटा जो की नॉमिनी था अपने बाकी भाइयो को पैसे देने से इंकार करता है तो ऐसे में वह तीनो भाई कोट में उसके खिलाफ केस कर सकते है। इस स्तिथि में कोट चारो बेटो को सामान पैसे बाँट देगा।
परिस्थिति 2
अगर कोई अकाउंट होल्डर अपने किसी दूर के रिस्तेदार को अपना नॉमिनी बना देता है तो अकाउंट होल्डर के मरने के बाद बैंक उस रिस्तेदार को ही खाते के सारे पैसे को देगा। लेकिन उस रिस्तेदार का इन पैसो पर अधिकार नहीं है। अगर उस अकाउंट होल्डर की पत्नी है तो उस रिस्तेदार को बैंक से पैसे मिलने के बाद, अकाउंट होल्डर की पत्नी को देना होगा।
रिस्तेदार का उन पैसो पर कोई अधिकार नहीं होगा। अगर फिर भी रिस्तेदार पैसे देने से इंकार करे तो अकाउंट होल्डर की पत्नी उस रिस्तेदार पर केस कर सकती है ऐसे में उसे पैसे देने ही होंगे।
Note: ध्यान रहे बैंक का काम बस नॉमिनी को पैसे देना है लेकिन यह उस नॉमिनी का काम है पैसे को ठीक जगह पर पहुँचाना।
परिस्थिति 3
अगर कोई अकाउंट होल्डर अपनी पत्नी को नॉमिनी बना देता है लेकिन अपने इच्छापत्र (will) में अपने बेटे को अपनी सारी प्रॉपर्टी (saving account, fixed deposit etc) का मालिक बना देता है। तो अकाउंट होल्डर के मरने के बाद बैंक नॉमिनी को सारे पैसे को दे देगा। लेकिन इच्छापत्र के अनुसार इस पैसे पर अकाउंट होल्डर के बेटे का अधिकार होग। क्योंकि सबसे ऊपर इच्छापत्र होता है। जिसका नाम इच्छापत्र पर होता है वह ही असली पैसे का अधिकारी होता है।
नॉमिनी के क्या काम होते है?
Nominee का बस एक ही काम होता है जब अकाउंट होल्डर मर जाए तो बस उस अकाउंट होल्डर के खाते में जमा पैसे को निकाल ले। और उसके असली हकदार को पैसे दे दे।
Note: भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशा निर्देश के अनुसार प्रत्येक बैंक नॉमिनेशन की सुविधा देता है। अब इसे लेना या नहीं लेना आपके हाथ में है।
नॉमिनी रखने के क्या फायदे होते है?
नॉमिनी को रखने का एक ही सबसे बड़ा फायदा है। अकाउंट होल्डर के मरने के बाद नॉमिनी खाते में जमा पैसे आसानी से ले सकता है।
नॉमिनी रखने के क्या नुक्सान होते है?
नॉमिनी रखने के कोई भी नुक्सान नहीं होते है।
Nominee FAQs
नॉमिनी क्यों बनाया जाता है?
कोई भी अकाउंट होल्डर नॉमिनी इसीलिए बनाता है ताकि उसकी अचानक मौत होने पर उसके घर वाले उसके अकाउंट के पैसे को बिना किसी भी परेशानी के निकाल सके।
क्या हमे नॉमिनी को अपने बैंक अकाउंट में जोड़ना चाहिए?
बिल्कुल, इसमें कोई भी दो राय नहीं है। आपको अपने खाते में नॉमिनी को जरूर जोड़ना चाहिए। क्योंकि समय का कोई पता नहीं होता है।
क्या हम नाबालिग को नॉमिनी बना सकते है?
जी हाँ, आप नाबालिग को भी अपने खाते का नॉमिनी बना सकते है लेकिन नाबालिग को अपना नॉमिनी बनाने के बाद आपको उस नाबालिग का एक संरक्षक (Guardian) अपने खाते में जोड़ना होगा। जो नॉमिनी के बालिग होने तक उसका संरक्षक बनता है जैसे ही नॉमिनी बालिग हो जाता है फिर संरक्षक की कोई जरुरत नहीं होती है।
नॉमिनी बनाने के लिए कौनसे दस्तावेजों की जरुरत होती है?
नॉमिनी बनाने के लिए आपको नॉमिनी के आधार कार्ड की जरुरत होती है।
अगर हम नॉमिनी न बनाए तो क्या होगा?
अगर आप अपने खाते में किसी को भी नॉमिनी नहीं बनाते है और अचानक आपकी मौत हो जाती है तो आपके घरवाले आपके खाते से पैसे नहीं निकाल पाएंगे। और बैंक आपके खाते को बंद कर देगा और आपके खाते के सारे पैसे को अपने कब्जे में ले लेगा।
क्या मैं अकाउंट खोलने के बाद भी किसी को नॉमिनी बना सकता हूँ?
हाँ, अगर आपने अकाउंट खोलते समय किसी को नॉमिनी नहीं बनाया है तो आप बाद में भी किसी को नॉमिनी बना सकते है।
क्या मैं अपने नॉमिनी को बदल भी सकता हूँ?
हाँ, आप अपने नॉमिनी को जीते जी कभी भी बदल सकते है। अगर आपके नॉमिनी की मृत्यु हो गई है या फिर आपका अपने नॉमिनी के साथ झगड़ा हो गया है तो ऐसी स्थिति में आप अपने नॉमिनी को बदल भी सकते है।
निष्कर्ष
मुझे उम्मीद है की आपको Meaning of Nominee in Hindi समझ आ गया होगा की इसके अलावा नॉमिनी क्या होता है। अगर अब भी आपका नॉमिनी से सम्बंधित कोई भी सवाल हो तो आप हमे निचे कमेंट करके पूछ सकते है। और अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करे।