क्या आप जानना चाहते है की लोन क्या होता है? या लोन कितने प्रकार का होता है तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़े। आपको इसमें बैंक लोन की जानकारी मिलेगी। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप लोन के बारे में अच्छी तरह समझ जाएंगे।
दोस्तों आप सभी ने ये शब्द लोन सुना है, किसी को भी इस शब्द का उपयोग करते हुवे कभी घर में तो कभी बाहर।
क्या आप लोन के विषय में और अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है कि लोन क्या होता है? लोन कितने प्रकार का होता है? या लोन से सम्बंधित आपके कोई भी सवाल हो।
आज इस आर्टिकल में लोन से सम्बंधित आपके सभी सवालो का जवाब देने की कोशिश करेंगें, लोन से सम्बंधित जानकरी के लिए हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ें।
लोन क्या होता है?
जब आपको किसी भी महत्वपूर्ण कार्य के लिए पैसो की जरूरत होती है और उस वक्त आपके पास उतना पैसा नहीं होता है तो आप किसी और से कुछ समय के लिए पैसा उधार लेते है ताकि उसे वो पैसा उतने समय में लोटा दे। जो पैसा अपने लिया वह लोन कहलाता है।
आसान शब्दों में कहे तो अपनी पैसो की जरूरत पूरी करने के लिए, किसी से कुछ निश्चित समय के लिए पैसा उधार लेना लोन कहलाता है। लोन हमारी पैसो की जरूरतों को पूरा करता है। लोन आप बैंक से या किसी फाइनेंस कंपनी या कभी कभी अपने किसी रिश्तेदार से लेते है और समय के पूरा होने पर आप लोन को ब्याज सहित देते है।
लोन के तीन घटक होते है।
- मूलधन – जो पैसा उधार लिया गया है।
- ब्याज दर – जो की लोन लेने वाले को मूलधन का कुछ प्रतिशत ब्याज देना होता है।
- समय – वह निश्चित समय जब तक पैसा लौटना है।
यह तीनो लोन के घटक है।
दोस्तों अब आप समझ गए होंगे कि लोन क्या होता है? तो आईये आगे और जानते है लोन के विषय में अब हम आपको बताएंगे की लोन कितने प्रकार के होतें है?
लोन कितने प्रकार के होते है?
दोस्तों लोन बहुत से प्रकार के होते है लोन अलग अलग उद्देश्य के लिए लिए जाते है। लोन आपकी फाइनेंसियल फैसले लेने में मदद करता है। लोन के प्रकार को दो आधार पर वर्गीकृत किया जाता है – Secured Loan (सुरक्षित लोन) और Unsecured Loan (असुरक्षित लोन) लोन।
Secured Loan (सुरक्षित लोन)
वह लोन जिनके लिए सेक्युरिटी की आवश्यकता होती है। इसके अंतर्गत निम्न लोन आते है:-
गोल्ड लोन (Gold Loan)
यह एक तरह का सिक्योर्ड लोन है जोकि गोल्ड के बदले में दिया जाता है, गोल्ड लोन के लिए लेनदार को बैंक या NBFCs के पास अपने गहनों को सेक्युरिटी के लिए देना होता है। लोन का अमाउंट गोल्ड की गुणवत्ता और उसके वजन पर निर्भर करती है।
सिक्यूरिटी के बदले मिलने वाला लोन (Loan against Securities)
सेक्युरिटी के बदले मिलने वाला लोन वह लोन होता है, जहाँ आप अपने शेयर, म्यूच्यूअल फण्ड और लाइफ इंस्युरेन्स पॉलिसी को बैंक के पास गिरवी रखते है, लोन अमाउंट के प्रतिकूल (बदले में)। तथा आपको इनमे से कोई एक गिरवी रखना पड़ता है फिर आपको लोन दिया जाता है।
प्रॉपर्टी लोन (Property Loan)
प्रॉपर्टी लोन वह लोन होता है जहाँ आपको लोन लेने के लिए अपनी किसी प्रॉपर्टी को बैंक के पास गिरवी रखना होता है, तथा बैंक आपको आपकी प्रॉपर्टी का 70% या 75% अमाउंट लोन के रूप में देता है जिसे चुकाने के बाद आप प्रॉपर्टी पर अपना हक़ जाता सकते है। यदि लेनदार लोन चुकाने में अस्मर्थ रहा तो बैंक के पास पूरा अधिकार होता है की वह इस प्रॉपर्टी का उपयोग अपने तरीके से करे।
वाहन या कार लोन (Vehicle or Car Loan)
वाहन या कार लोन वह लोन होते है जिन्हे वाहन या कार खरीदने के लिए लिया जाता है, कभी कभी ऐसा होता कि आप कोई कार लेना चाहते है लेकिन यह आपके बजट में नहीं होती है। तो ऐसे में आप कार लोन ले सकते है और अपनी पसंद की कार को रोड पर चला सकते है।
होम लोन (Home Loan)
होम लोन वह लोन है, जिसे कोई भी व्यक्ति अपना घर खरीदने के लिए लेता है। अपना घर का सपना हर किसी का होता है परन्तु हर किसी के पास इतना पैसा नहीं होता कि वह घर खरीद सके इसलिए वह बैंक से लोन लेता है। होम लोन की रकम बहुत बड़ी होती है, इसलिए इसको चुकाने का समय भी लम्बा होता है। इस लोन से कोई भी व्यक्ति जो किस्तों को भरने में सक्षम हो अपना सपनो का घर खरीद सकता है।
कॉर्पोरेट लोन (Corporate Loan)
कॉर्पोरेट लोन या आप इसे बिज़नेस लोन भी कहते है, कॉर्पोरेट लोन वह लोन होता है जिसे व्यवसाय के लिए या व्यवसाय को बढ़ने और अच्छे स्तर पर व्यवसाय करने के लिए लिया जाता है।
कॉर्पोरेट लोन सिक्योर और अनसिक्योर्ड लोन होता है जब आप सिक्योर्ड लोन लेते है तो आपको कम इंटरेस्ट का भुगतान करना होता है। यदि आप अनसिक्योर्ड कॉर्पोरेट लोन लेते है तो आपको ज्यादा ब्याज दर देनी होती है।
इंश्योरेंस पॉलिसी से लोन (Loan against Insurance Policy)
इंश्योरेंस पॉलिसी से लोन का मतलब यह है की आप अपनी पॉलिसी को गिरवी रख देते है, और उसके आधार पर आप लोन ले सकते है और अपनी जरुरत को पूरा कर सकते है।
Unsecured Loan (असुरक्षित लोन)
अनसिक्योर्ड लोन वह होते है जिनके लिऐ आवेदन करते समय किसी सुरक्षा की आवश्यकता नहीं होती है।
इसके अंतर्गत निम्न लोन आते हैं:-
पर्सनल लोन क्या होता है?
यह लोन किसी व्यक्तिगत जरूरत, वित्तीय जरूरत या चिकित्सा की जरूरत के लिए या फिर आपको अपना पुराना ऋण चुकाना हो तो पर्सनल लोन लिया जाता है। पर्सनल लोन के लिए किसी सिक्योरिटी जैसे किसी एसेट्स की आवश्यकता नहीं होती है, यह एक अनसिक्योर्ड लोन है।
एजुकेशन लोन (Education Loan)
एजुकेशन लोन उन छात्रों के लिए होता है जो की आगे उच्च स्तर की पढाई करना चाहते है। ये छात्र या तो इंडिया में पढाई करते है या फिर बहार विदेशो में जाकर पढ़ना चाहते है। हर बैंक स्नातक, पोस्ट ग्रैजुएशन, प्रोफेशनल और डॉक्टरल कोर्स के लिए एजुकेशन लोन देते है।
पीपीएफ खाते से लोन (PPF Loan)
पीपीएफ खाते से लोन का अर्थ यह है कि यदि आप पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड) खाते में निवेश करते है तो आप इससे भी लोन प्राप्त कर सकते है। आपको आपके पीपीएफ अकाउंट में जमा राशि का 25% अमाउंट लोन के रूप में दिया जाता है।
पीपीएफ लोन की ब्याज दर 1% होती है और आपको यह लोन आपको 3 साल में चुकाना होता है।
कॉर्पोरेट लोन या बिज़नेस लोन
यह लोन दोनों लोन के आधार पर दिया जाता है।
ई-मुद्रा लोन क्या होता है? या PMMY क्या होता है?
समय के आधार पर लोन
हम लोन को समय के आधार पर भी बाँट सकते है। जैसे अल्पकालिक लोन और दीर्घकालिक लोन। लोन अल्पकालिक है या दीर्घकालिक इसका पता इनके समय से चलता है।
अल्पकालिक लोन (Short term loan)
अल्पकालिक लोन वह लोन होता है, जो थोड़े समय के लिए दिया जाता है। यह लोन 1 या 2 साल के लिए दिया जाता है। तथा यह लोन आपको जल्दी मिल जाता है। और कोई सेक्युरिटी आवश्यकता नहीं होती है।
दीर्घकालिक लोन (Long term loan)
दीर्घकालिक लोन वह लोन होते है, जिनकी लोन की रकम ज्यादा होती है तथा यह लोन लम्बे समय 20 से 30 साल के लिए दिए जाते हैं।
लोन लेने के लिए महत्वपूर्ण कारक क्या होने चाहिए?
लोन के कारक निम्न हैं:
क्रेडिट स्कोर – क्रेडिट स्कोर द्वारा यह तय किया जाता है कि लोन दिया जाना चाहिए या नहीं क्योंकि क्रेडिट स्कोर द्वारा उधारकर्ता का पूर्वभुगतान का इतिहास पता चल जाता है। तथा ऋणदाता को क्रेडिट स्कोर से निर्धारित करना होता है कि लोन का भुगतान समय पर किया जायेगा या नहीं।
क्रेडिट स्कोर को असुरक्षित लोन देते समय चेक किया जाता है तथा जितना अच्छा क्रेडिट स्कोर होता है उसी के आधार पर लोन का अमाउंट निर्धारित होता है।
आय और रोजगार इतिहास – लोन लेते समय लोन देने वाला उधारकर्ता की आय तथा रोजगार का इतिहास देखता है तथा वह मासिक आय तथा रोजगार चेक करता है और इससे संतुस्ट होता है की उधारकर्ता लोन चुकाने में सक्षम है या नहीं।
यदि उधारकर्ता खुद का व्यवसाय करता है तो ऋणदाता पहले यह चेक करता है की उधारकर्ता का व्यवसाय कितने सालो से सही चल रहा है और व्यवसाय का क्या इतिहास है, तथा फिर ऋणदाता लोन देने के विषय में सोचता है।
ऋण से आय अनुपात – लोन लेने के लिए सिर्फ अच्छी आमदनी ही नहीं देखी जाती बल्कि ऋण से आय का अनुपात भी देखा जाता है, यदि उधारकर्ता की सैलरी अच्छी है और उसे पहले से ही अपनी सैलरी का 80% उधार देना होता है तो उसे दुबारा लोन नहीं दिया जायेगा।
उधारकर्ता की आय चाहे जो भी हो इसके साथ-साथ उधारकर्ता का ऋण से आय का अनुपात कम होना चाहिए, जिससे ऋणदाता यह सोच सके की आप लोन को चुकाने में सक्षम हो।
संपार्श्विक (Collateral) – संपार्श्विक के कारण ऋणदाता की नजरो में लोन सुरक्षित हो जाता है तथा संपार्श्विक के आधार पर तथा इसके बाजार मूल्य के आधार पर ऋणदाता आपके लिए ऋण और ऋण पर लागु ब्याज दर पर निर्णय ले सकता है।
संपार्श्विक से ऋणदाता को अधिक विश्वास हो जाता है तथा वह ऋण की ब्याज दर कम करने में फैसला ले सकता है। संपार्श्विक से आसानी से कम ब्याज पर लोन उपलब्ध हो जाता है।
लोन लेने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?
लोन लेने के लिए योग्यता आपके लोन के प्रकार पर निर्भर करती है, हर लोन के मापदंड अलग अलग होते है। आप लोन के लिए अपनी योग्यता के लिए निम्न सरल मापदंडो पर विचार कर सकते है:-
- उधारकर्ता की उम्र 18 से 60 के बीच होनी चाहिए।
- आय लगातार होनी चाहिए तथा अच्छी होनी चाहिए।
- एक अच्छा क्रेडिट स्कोर होना चाहिए।
- कुछ सम्पति जैसे एफडी, निवेश, अचल सम्पति आदि होनी चाहिए।
- बैंक के साथ उधारकर्ता के सम्बन्ध अच्छे होने चाहिए।
- पूर्व भुगतान का इतिहास सही होना चाहिए अर्थात समय पर भुगतान किया गया हो।
लोन के लिए कैसे अप्लाई करें? / लोन का आवेदन कैसे भरें?
एक बैंक से लोन लेना बहुत ही आसान है, आपको लोन लेने से पहले अपनी जरूरत को और अपनी इनकम को ध्यान में रखना चाहिए, क्योंकि यह लोन आपको बाद में चुकाना भी होता है।
यदि आपको लगता है कि आप लोन चुकाने में सक्षम हैं और आपको सच में लोन की आवश्यकता है तो आप लोन लीजिये। इसके लिए आपको बैंक में जाना होगा और बैंक में लोन डिपार्टमेंट से बात करनी होगी। आप लोन के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीके से अप्लाई कर सकते है।
लोन के लिए ऑनलाइन आवेदन भरें।
स्टेप 1 – बैंक का चयन करें तथा अपनी योग्यता को चेक करें।
स्टेप 2 – बैंक की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाये और लोन के लिए अप्लाई करें।
स्टेप 3 – वेबसाइट पर सभी जरूरतमंद दस्तवेजो और प्रूफ को अपलोड कर दें।
स्टेप 4 – बैंक आपके आवेदन पर कार्य करेगा और एक निश्चित समय में आपको अपने फैसले के बारे में इन्फॉर्म कर देगा। और यदि बैंक आपको लोन देना चाहेगा तो आपको इन्फॉर्म करेगा, और बैंक की सभी जरूरत पूरी होने पर आपको लोन मिल जायेगा।
लोन के लिए ऑफलाइन आवेदन।
स्टेप 1 – बैंक का चुनाव करे तथा अपनी योग्यता को चेक कर ले।
स्टेप 2 – बैंक में जाये और लोन के लिए अप्लाई करें।
स्टेप 3 – बैंक में जरुरी दस्तावेजों को जमा करवाए।
स्टेप 4 – बैंक आपके आवेदन पर प्रक्रिया करेगा और आपको बताएगा की आप लोन ले सकते है या नहीं। तथा बैंक अपनी सभी जरूरत पूरी करने पर और आपके आवेदन तथा दस्तावेजों से संतुष्ट होने पर आपको लोन देने के लिए तैयार हो जायेगा।
लोन के लिए अप्लाई करने से पहले आप बैंक में लोन डिपार्टमेंट में बात कर ले तथा लोन से सम्बंधित पूरी जानकारी प्राप्त कर लें।
लोन के फायदे और नुकसान क्या होते है?
लोन के फायदे और नुकसान आप जिस तरह का लोन लेना चाहते है, उस लोन के प्रकार पर निर्भर करता है:-
लोन का एक फायदा यह है की यह आपकी जरूरत को सही समय पर पूरा करता है। तथा जब आपको पैसो की आवश्यकता होती है तो आप लोन ले कर सही समय पर अपने कार्य को पूरा कर सकते है, तथा लोन का लाभ उठा सकते है।
लोन का एक नुकसान यह है की इसमें ब्याज की दर देनी होती है, कभी कभी यह ब्याज दर बहुत अधिक होती है, जिसे चूका पाना उधारकर्ता के लिए एक नुकसान से कम नहीं होता है।
लोन के और फायदे और नुकसान जानने के लिए लोन के प्रकार तथा हमारे अगले आर्टिकलों को पढ़ें।
दोस्तों उम्मीद है की आपको हमारे इस आर्टिकल में बैंक लोन की जानकारी से सभी सवालो के जवाब मिल गए होंगे कि लोन क्या होता है? तथा यह कितने प्रकार का होता है? आदि सभी सवाल आपको स्पष्ट हो गए होंगे।
दोस्तों जब आपको लोन की आवश्यकता हो तभी लोन लेना चाहिए क्योंकि लोन की ब्याज दर कभी कभी बहुत होती है, जिसे की आपको बाद में भुगतान करना होता है। लोन लेने से पहले अपनी फाइनैंशल हालातो को चेक कर ले तथा इनकम सही होने पर ही लोन लें, ताकि आप लोन का भुगतान समय पर कर पाए।
यह भी पढ़े