क्या आप भी यह जानना चाहते है की KYC Full Form क्या होती है? या फिर आप भी गूगल पर केवाईसी की फुल फॉर्म को खोजने के लिए और KYC के बारे में जानकारी पाने के लिए सर्च कर रहे थे? अगर हाँ, तो आप बिल्कुल ठीक जगह पर आये है क्योंकि आज हम KYC के बारे में ही बात करने वाले है।
इस आर्टिकल में आज मैं आपको बताऊंगा की KYC Full Form क्या होती है? इसके बाद KYC क्या होता है और KYC की Full Form हिंदी में क्या होती है? इसके साथ KYC के फायदे क्या होते है? KYC के नुक्सान क्या होते है? सबसे ख़ास बात आज मैं KYC के FAQ’s भी करने वाला हूँ। जिससे आपके मन में जो भी KYC को लेकर सवाल आते है वो सभी स्पष्ट हो सके। तो चलिए फिर आज के टॉपिक को शुरू करते है।
KYC Full Form क्या होती है?
KYC Full Form “Know Your Customer” होती है। KYC एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा बैंक ग्राहकों की पहचान और पते के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि बैंकों की सेवाओं का दुरुपयोग न हो। KYC प्रक्रिया को बैंकों द्वारा खाते खोलते समय पूरा किया जाता है और समय-समय पर इसे अपडेट भी किया जाता है।
KYC Full Form In Hindi
KYC की Full Form हिंदी में “अपने ग्राहक को जानो” होती है।
KYC क्या होता है?
केवाईसी का मतलब होता है अपने ग्राहक को जानें। यह एक ग्राहक की पहचान स्थापित करने के लिए विवरण एकत्र करने के लिए एक वित्तीय संस्थान या एक इकाई द्वारा पीछा की जाने वाली प्रक्रिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा केवाईसी प्रक्रिया को मनी लॉन्ड्रिंग, पहचान की चोरी और अवैध लेनदेन जैसे वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए पेश किया गया था। RBI ने खातों को खोलते समय बैंकों को KYC प्रक्रिया का पालन करने की सलाह दी है।
यह ग्राहकों को धोखेबाजों से बचाता है जो धोखाधड़ी वाले लेनदेन करने के लिए अपने नाम, पते और जाली हस्ताक्षर का उपयोग कर सकते हैं। इसलिए, बैंकों जैसे वित्तीय संस्थानों के ग्राहकों को प्रामाणिक विवरण प्रदान करना चाहिए ताकि बैंक अपने ग्राहकों की पहचान कर सकें और उन्हें बेहतर तरीके से सेवा दे सकें।
KYC के फायदे के है?
KYC का सबसे बड़ा फायदा यह है की इससे बैंक में धोखाधड़ी के मामले काफी कम हो गए है इससे कोई भी ग्राहक अगर बैंक के साथ किसी भी तरह का धोखा करता है तो KYC के माध्यम से उसे पकड़ पाना आसान होता है।
KYC से ग्राहक को भी फायदा होता है अगर कोई स्कैमर बैंक के किसी भी ग्राहक के साथ किसी भी तरह का ऑनलाइन फ्रॉड करना चाहता है तो KYC के होने से ग्राहक के साथ किसी भी तरह का धोखा करना मुश्किल होता है।
KYC के नुक्सान क्या है
KYC का सबसे बड़ा नुक्सान है यदि आप किसी बैंक में खाता खुलवाना चाहते है और आपके पास KYC करवाने के लिए पुरे दस्तावेज नहीं है तो आप उस बैंक में चाह कर भी खाता नहीं खुलवा सकते है। इसके लिए आपको KYC करवानी ही होगी।
जैसे जैसा समय आगे बढ़ता जा रहा है आज हम कैश कर्रंसी से ज्यादा डिजिटल कर्रंसी का इस्तेमाल करते है। अब पहले तो आप बिना KYC करवाए भी डिजिटल वॉलेट इस्तेमाल कर सकते थे लेकिन आज अगर आप डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल करना चाहते है तो आपको वहां भी अपनी KYC पूरी करवानी होगी।
हाँ, कुछ वॉलेट है जिसे आप बिना KYC करे भी इस्तेमाल भी कर सकते है लेकिन अगर आप एक बड़ी लेनदेन करना चाहते है या उस वॉलेट के सारे फीचर का लाभ उठाना चाहते है तो फिर आपको KYC करवानी ही होगी।
KYC FAQ क्या है?
e-KYC क्या है?
e-KYC इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी होती है। e-KYC केवल वह लोग कर सकते है जिनके पास आधार संख्या होती है।
e-KYC कैसे काम करता है?
e-KYC सेवा का उपयोग करते समय, आपको UIDAI को स्पष्ट सहमति से, बैंक शाखाओं के संवाददाता को बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से अपनी पहचान / पता जारी करने के लिए अधिकृत करना होगा।
UIDAI फिर आपके डेटा को जैसे नाम, उम्र, लिंग और व्यक्ति की तस्वीर को इलेक्ट्रॉनिक रूप से बैंक में स्थानांतरित करता है। इस प्रकार e-KYC प्रक्रिया के माध्यम से दी गई जानकारी को PML नियमों के तहत ‘आधिकारिक तौर पर मान्य दस्तावेज’ के रूप में माना जाता है और KYC वेरिफिकेशन के लिए यह एक वैध प्रक्रिया है।
क्या अब बैंक खाता खुलवाने के लिए KYC की जरुरत होती है?
इसका जवाब है हाँ, भी और ना भी क्योंकि यह पूरी तरह से उस बैंक खाते पर निर्भर करता है ज्यादातर बैंक खाते ऐसे ही जिनके लिए KYC बहुत जरुरी है लेकिन फिर भी कुछ बैंक खाते ऐसे है जिन्हे आप बिना KYC करवाय भी खुलवा सकते है।
KYC में क्या विवरण शामिल होते हैं?
ग्राहक का नाम, जन्मतिथि, पिता का नाम, माता का नाम, वैवाहिक स्थिति, घर के पते का सबूत, पहचान प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, पैन कार्ड, धन का स्रोत आदि।
KYC के लिए कौनसे दस्तावेजों की आवश्यकता होती है?
सबसे पहले पहचान प्रमाण के लिए Identity Proof वोटर आईडीए कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पैन कार्ड और NREGA Card आदि। इसके बाद घर के पते का सबूत के लिए भी आप आधार कार्ड, पैन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस लगा सकते है। इसके साथ आपकी एक या दो पासपोर्ट साइज फोटो लगेगी। और बस आपकी KYC पूरी हो जाएगी।
अगर मैं किसी बैंक में खाता खुलवाना चाहूँ और KYC के लिए दस्तावेज के लिए भी इंकार कर दू तो क्या होगा?
अगर आप किसी बैंक में खाता खुलवाना चाहते है और उस खाते के लिए KYC अनिवार्य है और आप अगर KYC के लिए दस्तावेज देने से इंकार कर दे तो फिर आपका उस बैंक में खाता नहीं खुल पायेगा। क्योंकि खाता खुलवाने के लिए आपको KYC करवानी ही होगी।
क्या सभी बैंक खाते के लिए KYC करवाना अनिवार्य है?
नहीं, कुछ बैंक खाते ऐसे होते है जिनके लिए KYC करवाना अनिवार्य नहीं होता है। हाँ, ज्यादातर बैंक खाते के लिए तो KYC अनिवार्य है लेकिन जो बुनियादी खाते होते है जैसे जीरो बैलेंस अकाउंट खाता, या नाबालिक का खाते के लिए KYC अनिवार्य नहीं है।
यदि मैंने एक बैंक में खाता खुलवाते समय KYC करवाई हुई है और उसी बैंक में मैं दूसरा खाता खुलवाता हूँ तो क्या मुझे दुबारा KYC करवानी होगी?
नहीं, अगर आपका पहले से ही उस बैंक में खाता है और आपने उस खाते के लिए अपनी KYC पूरी करवाई हुई है तो फिर आपको दूसरे खाते के लिए KYC करवाने की कोई जरूरत नहीं है।
क्या KYC डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और स्मार्ट कार्ड पर भी लागू होती है?
जी हाँ, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और स्मार्ट कार्ड के लिए भी KYC लागू होती है।
मैंने बैंक में खाता खुलवाते समय ही अपना KYC करवा लिया था लेकिन अब बैंक फिर मुझे KYC करवाने के लिए बोल रहा है ऐसा क्यों?
क्योंकि बैंको को समय समय पर अपने KYC रिकॉर्ड को अपडेट करना होता है। इसीलिए जब आपने एक बार KYC करवा ली तो बैंक कुछ समय बाद जब उसे अपने KYC रिकॉर्ड को अपडेट करना होगा। तो वह फिर आपसे KYC करवाने के लिए कहेगा। यह बैंकिंग प्रणाली का ही हिस्सा है। ऐसा इसीलिए किया जाता है जिससे बैंक और ग्राहक दोनों धोखाधड़ी से बच सके।
निष्कर्ष
मुझे उम्मीद है की आपको हमारा द्वारा लिखा यह जानकारीपूर्ण आर्टिकल KYC Full Form क्या होती है? अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करे ताकि वह भी KYC के बारे में विस्तार से जान सके। और अगर आपका KYC से सम्बंधित कोई भी सवाल हो तो हमे निचे कमेंट करके पूछ सकते है।
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