प्रिय दोस्तों यदि आप जानना चाहते हो की चालू खाता या करंट अकाउंट क्या होता है? तो आपको कही जाने की जरूरत नहीं है, आपको यहां सभी तरह की जानकारी प्राप्त होगी।
इस आर्टिकल में आप जान पाओगे की करंट अकाउंट क्या होता है? करंट अकाउंट कैसे काम करता है, तथा यह कैसे खोला जाता है, और इसे खुलवाने के लिए क्या-क्या दस्तावेज (डॉक्यूमेंट) की जरूरत होती है।
करंट अकाउंट क्या होता है?
करंट अकाउंट को चालू खाता भी कहा जाता है। यह अकाउंट एक ऐसा अकाउंट है जिसमे आप हर समय रोजाना लेन-देन कर सकते है। ये अकाउंट किसी कंपनी, पब्लिक इंटरप्राइजेज, businessmen (बिजनेसमेन) के लिए उपयोग होता है। जहा पर पैसे का लेन- देन बड़ी मात्रा में होता है, ऐसे लोग करंट अकाउंट का इस्तेमाल करते है।
करंट अकाउंट में आप एक दिन में जितने मर्जी पैसे का लेन देन कर सकते है। इसमें कोई लिमिट नहीं होती है इसी कारण RBI ने नियम बनाया है की किसी भी तरह के करंट अकाउंट में आपको ब्याज नहीं मिलता है। आपने चाहे जितने पैसे अकाउंट में जमा किये हो आपको ब्याज नहीं मिलेगा। आसान सी भाषा में कहे तो चालू खाता अर्थात करंट अकाउंट व्यवसाय से सम्बंधित होता है इसे व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों द्वारा उपयोग में लाया जाता है, तथा इससे किसी भी समय कितनी मात्रा में लेन-देन किया जा सकता है।
इसे transactional Account के रूप में भी जाना जाता है, ये खाते न तो निवेश के और न ही बचत के उदेश्य से खोले जाते है, ये केवल व्यापार की सुविधा के लिए होते है।
अब मन में सवाल आता है की करंट अकाउंट खोलते कैसे है? तथा इसे खोलने के लिए किन किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। इसकी जानकारी आपको नीचे मिलेगी।
करंट अकाउंट कैसे खोलते है?
चालू खाता खोलने के लिए आप ऑफलाइन या ऑनलाइन दोनों तरीको का इस्तेमाल कर सकते है। यदि आप offline तरीके का इस्तेमाल करते है तो आपको बैंक में जाके बैंक से एक फॉर्म लेना होता है तथा उसे भरना होता है, और उस फॉर्म की जरूरत के अनुसार उसमे मांगे गए documents जमा करवाने होते है तथा आपको करंट अकाउंट के लिए अप्लाई करना होता है।
यदि आप online तरीके का इस्तेमाल करते है तो आपको उस बैंक की जिस बैंक में आप अकाउंट खुलवाना चाहते है, बैंक की वेबसाइट पर जाना होता है तथा open account पर क्लिक करके करंट अकाउंट तथा चालू खाते पर क्लिक करके ऑनलाइन फॉर्म को भरना होता है जो बैंक द्वारा दिया गया होता है।
इस फार्म को भरने के बाद जरुरी दस्तावेजों को जोड़ कर बैंक को भेजना होता है तथा अकाउंट ओपन करना होता है। और आपका अकाउंट खुल जाता है तथा इसे चलाने के लिए इसमें पैसे रखने होते है, और सब अपने बैंक के नियम अनुसार करंट अकाउंट खोलने के पैसे लेते है। अधिकतर बैंको में करंट अकाउंट खुलवाने के लिए minimum राशि 10,000 होती है, 10 हजार में आप अपना करंट अकाउंट खुलवा सकते है तथा करंट अकाउंट का लाभ उठा सकते है।
करंट अकाउंट खुलवाने के लिए किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है?
करंट अकाउंट (चालू खाता) खुलवाने के लिए नीचे दिए गए दस्तावेजों की आवश्यकता होती है-
- पेन कार्ड
- पासपोर्ट साइज की फोटो
- व्यवसाय का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट – GST registration /shop Establishment registration ( for proprietorship), partnership Deed (For Partnership), Incorporation certificate (For Company )
- व्यवसाय का एड्रेस प्रूफ (Address proof of the proprietorship /firm / Company / HUF)
- पार्टनर्स और डाइरेक्टर्स का आईडी और एड्रेस प्रूफ (पार्टनरशिप या कंपनी के करंट अकाउंट के लिए )
- बैंक खाता खोलने के लिए एक चेक
ये सभी दस्तावेजों की आवश्यकता करंट अकाउंट खोलने के लिए एक बैंक को होती है तथा इन दस्तावेजों के द्वारा आप अपना करंट अकाउंट खुलवा सकते है और बैंक द्वारा दी जाने वाली सेवाएं जैसे मोबाइल बैंकिंग, डेबिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा का लाभ उठा सकते है।
करंट अकाउंट खुलवाने की आवश्यकता क्या होती है?
दोस्तों जैसा की हमने आपको बताया करंट अकाउंट से एक दिन में कितनी बार भी आप पेसो का लेन-देन कर सकते है, यदि आप एक व्यवसायी है तो आपको रोजाना अत्यधिक मात्रा में पेसो का लेन देन करना होता होगा तथा करंट अकाउंट के द्वारा आप पेसो का लेन देन आसानी से हर समय कर सकते है और बैंको द्वारा दी जाने वाली सुविधा का लाभ उठा सकते है।
किसी भी साधारण व्यक्ति को अपना करंट अकाउंट नहीं खुलवाना चाहिए इससे उसे कोई लाभ नहीं होगा। क्यूंकि इसमें कोई ब्याज नहीं मिलता है।
करंट अकाउंट के फायदे क्या है?
बैंक ओवरड्राफ्ट – करंट अकाउंट से खाता धारक को अपने अकाउंट में जमा राशि से अधिक राशि निकालने की सुविधा मिलती है।
कोई सीमा नहीं – करंट अकाउंट से सबसे बड़ा लाभ यह होता है की व्यक्ति एक दिन में इससे कितना भी लेन देन कर सकता है।
लेनदेन पर कोई अतिरिक्त शुल्क नही – करंट अकाउंट में अधिक बार लेन देन करने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ता है।
बैंकिंग सेवाएं – सेविंग अकाउंट की तरह इसमें भी आपको बैंक द्वारा नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम कार्ड वैगरह की फ्री सर्विस दी जाती है।
अन्य सुविधा – करंट अकाउंट के माध्यम से खाताधारक अपने लेनदारों को चेक, पे आर्डर, डिमांड ड्राफ्ट प्रत्यक्ष रूप से भुगतान करने के लिए जारी कर सकता है।
हांलाकि चालू खाते की तरलता के कारण इस पर किसी भी प्रकार का ब्याज अर्जित नहीं किया जा सकता है लेकिन अकाउंट बैलेंस पर बेहद कम ब्याज की उपलब्धता इस प्रकार के खाताधारकों को इनके उपयोग के लिए और भी आकर्षक बनाता है।
पूर्ण नियंत्रण – इसके अलावा कोई भी उद्यमी अपने Current Bank Account के माध्यम से कभी भी और कही भी और अनेको जगहों पर फंड निकाल एवं ट्रांसफर कर सकता है।
करंट अकाउंट के नुकसान क्या है?
कोई ब्याज नही – चालू खाता पर बयाज न मिलना एक बहुत ही बड़ा नुकसान है, क्यूंकि व्यवसायी को करंट अकाउंट खुलवाने के बाद उसमे बैंक द्वारा कोई ब्याज नही दिया जाता है तथा ब्याज के माध्यम से वह एक कमाई का अवसर खो देते है।
अतिरिक्त शुल्क – चालू खाते को नियमित रूप से अपडेट करने में खाताधारक पर कुछ अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है, क्यूंकि अधिकांश पैकेज अतिरिक्त सेवाओं के लिए अतिरिक्त चार्ज करते हैं।
लम्बी प्रक्रिया – इस प्रणाली में कागजी कार्यवाही ज्यादा होने की वजह से यह समय खाने वाला और लम्बा कार्य हो जाता है, अर्थात इसमें अधिक समय लग जाता है।
अधिक फीस – कॉर्पोरेट बिजिनेस ट्रांसक्शन की वजह से बैंको को ज्यादा फीस देनी हो सकती है।
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