चेक बाउंस के नए नियम क्या होते है?

क्या आप भी 2021 में चेक बाउंस होने के नए नियम जानना चाहते है तो आप बिल्कुल ठीक जगह पर आए है। इस आर्टिकल में आपको चेक बाउंस के नए नियम पता चलेंगे।

इस आर्टिकल में मैं आपको चेक बाउंस के नए नियम के बारे में बताऊंगा। इसके साथ चेक किन कारणों से बाउंस होता है? और चेक बाउंस केस से कैसे बचे? तो अगर आप भी बाउंस चेक से सम्बंधित जानकारी जानना चाहते है तो इस आर्टिकल के साथ जुड़े रहे।

चेक क्या होता है? चेक कितने प्रकार के होते है?

चेक बाउंस क्या होता है?

जब एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को एक चेक भरकर देता है और दूसरा व्यक्ति उस चेक को आपने बैंक में जमा करता है पैसे निकालने के लिए, और जब बैंक किसी कारणवश उस चेक को बिना पेमेंट के अस्वीकृत कर देता है तो इसे चेक बाउंस होना कहते है।

इस स्थिति में बैंक प्राप्तकर्ता को एक चेक रिटर्न मेमो और बाउंस चेक सौप देता है। ऐसे में जो पहला व्यक्ति है जिसने चेक दिया है वह भुगतानकर्ता है और जो दूसरा व्यक्ति है जिसने बैंक में चेक दिया है वह प्राप्तकर्ता है। चेक बाउंस एक कानूनी जुर्म है।

चेक बाउंस के नए नियम क्या है?

चेक बाउंस होने की स्थिति में प्राप्तकर्ता को भुगतानकर्ता से उसका पैसा नहीं मिल पाता है इसके साथ ही चेक बाउंस होने का शुल्क भी बैंक उसी के अकाउंट से काटता है।

इस स्थिति में प्राप्तकर्ता की यह जिम्मेदारी होती है की वह भुगतानकर्ता को इस बात की सुचना दे कि उसका दिया हुआ चेक बाउंस हो गया है और भुगतानकर्ता कि यह जिम्मेदारी होती है कि वह चेक बाउंस होने कि वजह पता करे और फिर प्राप्तकर्ता को जल्द से जल्द उसका पूरा पैसे लौटा दे।

अगर प्राप्तकर्ता के भुगतानकर्ता को सुचना देने के बावजूद भी भुगतानकर्ता 30 दिनों तक कोई भी जवाब नहीं देता है तो ऐसे में प्राप्तकर्ता भुगतानकर्ता को एक लीगल नोटिस भेज सकता है। इसके बाद भुगतानकर्ता यदि 30 दिनों के अंदर फिर भी भुगतान न करे तो ऐसे में प्राप्तकर्ता कोट के माध्यम से भुगतानकर्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा सकता है।

प्राप्तकर्ता Negotiable Instrument Act 1881 के सेक्शन 138 के तहत केस दर्ज करा सकता हैं। इस स्थिति में भुगतानकर्ता को 30 दिनों के अंदर अंदर चेक में लिखित राशि का 20 प्रतिशत कोट में जमा करना होगा। या फिर प्राप्तकर्ता अर्थात शिकायतकर्ता को देना होगा। अगर भुगतानकर्ता ऐसा नहीं करता है तो इस स्थिति में भुगतानकर्ता (आरोपी) को ब्याज के साथ दुगनी रकम शिकायतकर्ता को देनी होगी। या फिर भुगतानकर्ता को 2 साल कि सजा भी हो सकती है।

चेक किन कारणों से बाउंस होता है?

चेक बाउंस होने के कई कारण हो सकते है जरुरी नहीं है की हर बार चेककर्ता (देनदार) की ही गलती हो, कई बार चेक बाउंस होने के अन्य कारण भी हो सकते है। निचे इन कारणों को हमे एक एक करके देखेंगे।

खाते में कम राशि होना – अगर आपके अकाउंट में चेक में लिखित राशि से कम पैसे है तो चेक बाउंस होता है।

हस्ताक्षर न मिलना – अगर आपके चेक पर किये हुए हस्ताक्षर बैंक में मेल नहीं खाते है तो चेक बाउंस हो सकता है।

चेक का पुराना होना – अगर आपका चेक 3 महीने से अधिक पुराना है तो चेक बाउंस होता है।

कटा फटा चेक – अगर आपने कटा फटा चेक दिया है तो बैंक ऐसे भी चेक को रिजेक्ट कर देता है। ऐसे चेक भी बाउंस हो जाते है।

खाता संख्या का न मिलना – अगर आपने चेक भरते समय गलती से चेक में गलत अकाउंट नंबर डाल दिया है तो ऐसे में अकाउंट नंबर मेल नहीं खाएगा। और आपका दिया चेक बाउंस हो जाएगा।

अकाउंट बंद होना – अगर आपने किसी को चेक दिया हो और वह बैंक अकाउंट किसी कारणवश बंद हो तो ऐसे में भी चेक बाउंस होता है।

शब्दों और अंको की राशि में अंतर होना – अगर आपने चेक भरते समय राशि को शब्दों या अंको में चेक पर गलत भर दिया और दोनों राशि में कोई भी अंतर् हुआ तो इस कारण से भी चेक बाउंस होता है।

बैंक द्वारा रोका जाना – अगर बैंक को चेक पास करते समय किसी भी तरह का कोई संदेह होता है तो वह चेक रिजेक्ट कर देते है और यह बाउंस का कारण हो जाता है।

चेक को रोका जाना – अगर आपने किसी को चेक दिया है और आप स्वयं उस चेक को रोक देते है तो ऐसे में भी चेक बाउंस हो जाता है।

चेककर्ता की मौत – अगर आपने किसी को चेक दिया है और आपकी किसी दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो ऐसे में भी चेक बाउंस हो जाता है।

चेक बाउंस केस से कैसे बचे?

अगर आपने किसी को चेक दिया है और वह चेक किसी कारणवश बाउंस हो गया है तो ऐसे में सबसे पहले आपको चेक बाउंस होने कि सही वजह पता करनी है। इसके लिए आपको अपना अकाउंट बैलेंस चेक करना है या बैंक जाना है या हो सके तो लेनदार से बात भी करनी है और उसे आश्वासन देना है कि आप उसके पैसे समय से लौटा देंगे।

इसके बाद आपको 30 दिनों के अंदर अंदर लेनदार को उसके पैसे लौटने है। अगर आप ठीक समय पर पैसे लौटा देते है तो आप चेक बाउंस केस से बच जाओगे। अगर आपने पैसे नहीं लौटाए तो लेनदार आपके ऊपर मुकदमा कर सकता है।

मुझे उम्मीद है की यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी रहा होगा। और आप चेक बाउंस के नए नियम समझ गए होंगे। अगर अब भी आपको बाउंस चेक से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए। तो आप हमे निचे कमेंट करके पूछ सकते है।

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Authored By Prabhat Sharma
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